Sharks of Law
Adv Tanvi Malik
Adv Tanvi Malik. | 1 year ago | 751 Views

हरियाणा सरकार किसानों के प्रदर्शन के तरीके से आपत्ति जताते हुए हाई कोर्ट पहुंची।

दिल्ली चलो आंदोलन ने भारत में हड़कंप तो मचाया ही है साथ ही, शम्भू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को रोकने में जुटी हुई हरियाणा सरकार अब तंग होकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक जा पहुंची है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसान दिल्ली चलो आंदोलन कर रहे है जिनमे उन्होंने 1 दर्जन से भी ज्यादा मांगे सरकार के सामने रखी है। इन्ही मांगों का एक हिस्सा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी रूप से मान्यता देना भी शामिल है। 

अब हाई कोर्ट ने इस प्रदर्शन में दखल देना जरूरी समझा और किसानों द्वारा आंदोलन करने के चुने गए तरीके पर आपत्ति जताई। अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार के सामने यह सवाल भी उठाये कि बड़ी संख्या में किसानों को इकठा क्यों होने दिया जा रहा है? मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन होते हुए आप क्यों देखते रहे ऐसा होने पर तुरंत रोक क्यों नहीं लगाई गयी? इस अधिनियम के अनुसार किसी भी हाईवे पर ट्रैक्टर व् ट्रॉलियों का उपयोग वर्जित है बावजूद इसके किसान अमृतसर से दिल्ली इन्ही ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों पर लगातार यात्रा कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने ताने भरी यह टिप्पणी भी की कि सभी को अपने अधिकारों का पूरा ज्ञान है परन्तु सांविधानिक कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरी तरह से भुलाया जा चूका है। 

 

कोर्ट द्वारा क्या सकेंत दिया गया?

हाईकोर्ट ने चेतावनी देते हुए हरियाणा सरकार से कहा कि उन्हें अब सम्भलने की जरूरत है। अभी केवल पंजाब राज्य के किसान इस आंदोलन का हिस्सा है भविष्य में अगर हरियाणा राज्य के किसान भी इस प्रर्दशन में शामिल होते है, तो सरकार के लिए परिस्थिति संभालना मुश्किल हो सकता है। माना कि राज्य अलग-अलग हैं लेकिन किसान आपस में भाई-भाई ही तो हैं। हरियाणा सरकार के लिए जरूरी है वो इस समस्या का हल निकालने की दिशा में काम करे।  

 

कोर्ट द्वारा दिए गए जरूरी निर्देश - 

हाई कोर्ट का मानना है कि प्रदर्शन करना आम लोगों का मौलिक अधिकार है इसीलिए कोर्ट ने कुछ निर्देश जारी किये जिनपर अमल करके सरकार परिस्थिति को काबू में कर सकती है। वे निर्देश है -

  1. मौलिक अधिकार में संतुलन स्थापित करके बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों को रोका जाए।
  2. दोनों राज्य मिलकर मौलिक अधिकारों के अनुसार किसानो को आंदोलन करने के लिए एक अलग जगह देकर आंदोलन करने की अनुमति दें, जिससे किसानों के अधिकारों का भी हनन ना हो और आम जनता को भी इस परेशानी से बचाया जा सके। 
  3. सभी पक्ष आपस में मिलकर विवाद का हल निकालें। 
  4. बल का प्रयोग अंतिम रास्ता होना चाहिए। 
  5. किसानो और सरकार को आपस में बैठकर समाधान निकलने की आवश्यकता है। 

 

कोर्ट ने केंद्र को अगली सुनवाई पर किसानों के साथ होने वाली बातचीत के परिणाम और वर्तमान की स्थिति पर एक रिपोर्ट बनाकर दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका में बताया गया था कि हरियाणा सरकार ने बॉर्डर सील करने के साथ-साथ कई जिलों में इंटरनेट की सेवाएं भी बंद कर दी हैं। विरोध प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उन पर आंसू गैस, रबर पैलेट आदी का इस्तेमाल किये गया है। पिछली बार यह विरोध प्रदर्शन सरकार द्वारा लागू किये गए कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किया गया था। लेकिन इस बार यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार से उन उपायों की मांग के लिए किया जा रहा है, जो खेती की आर्थिक जरूरतों के लिए जरूरी हैं। 

 

केंद्रीय कृषि मंत्री की किसानों से अपील -

केंद्र के कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने सभी किसानों और उनके संगठनो के सामने शान्ति बनाये रखने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि सरकार और सभी लोग शांति चाहते है और सभी को मिलकर इस समस्या का निदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जानते है कि जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गयी है उनके समाधान से किसान संतुष्ट नहीं है लेकिन इस तरह आंदोलन करने से हल नहीं निकलेगा। यह चर्चा जारी रहेगी। हम सभी को शांतिपूर्वक बैठ कर इसका हल खोजना चाहिए। 

 

सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रस्ताव को खारिज कर दिए जाने  संदर्भ में कृषि मंत्री मुंडा ने बोला कि हम केवल सबका अच्छा ही करना चाहते है इसीलिए हम हमेशा सही राय ही देते है लेकिन आपके लिए वह राय किस तरह उपयोगी होगी इस बात का फैसला करने के लिए शांतिपूर्वक बातचीत करना ही एकमात्र रास्ता है।

शार्क्स ऑफ लॉ आपको सालों का अनुभव रखने वाले प्रतिभाशाली और सबसे प्रवीण वकीलों की एक टीम प्रदान करता है, हमारा मानना ​​है कि कानूनी सहायता आसानी से सभी को उपलब्ध होनी चाहिए क्योंकि किसी को किसी भी समय इसकी आवश्यकता हो सकती है, इसलिए आप अपने पास उपलब्ध किसी भी माध्यम से आप सहजता से हमसे संपर्क कर सकते हैं। 

ईमेल:-helpdesk@sharksoflaw.com

हेल्प डेस्क:-+91-88770-01993

Other Articles You May Enjoy

Interim Maintenance To Wife If No Adherence To Decree Of Restitution Of Conjugal Rights

Super admin • 09/02/2024

What are the basic methods of legal drafting?

Super admin • 07/02/2024

What Is The Procedure Of Mutation?

Super admin • 06/02/2024

Expert Insights From Local Divorce Lawyers And The Rise Of Online Divorce Services

Super admin • 05/02/2024

Like what you see ? Follow us here
We Accept
stripe
Lawyer Account

Sign Up

Sign In

User Account

Sign Up

Sign In